शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018


देखा है कभी प्रेम के अलग-अलग व्यंजनों को चखकर
रिश्तों की महक मे लिपटे हुए
मां बाप के प्रेम का स्वाद बेमिसाल लगा
पति पत्नि  के प्रेम का का स्वाद लाजवाब लगा
भाई बहिन का प्रेम कुछ खट्टा मीठा लगा
और दुश्मनी का स्वाद बेहद कड़वा लगा।


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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी