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शनिवार, 5 जनवरी 2019

Hawa shayari sher

ठंडी ठंडी हवाएं गर्म जिस्म को छूकर कर रही हैं गर्म
कर लो हवा खुद को गर्म ,बदले में ना दो सर्द
हो जाएगा ज़ुकाम, कियूंकी सर्दिला है मर्ज
हो जाएंगे मेरे बच्चे बीमार तुम्हे तो ना होगा कोई हर्ज


क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी