बांध लो चाहे जंजीरों से ये कदम अब नहीं रुकने वाले
देखते है कितना है दम इन लोहे के हथकड़ो में
खून की गर्मी से हमारे जब पिघल जाएंगे ये बंधन
देखना फिर शौर्य हमारा, लेगा दुश्मन का दम
देखते है कितना है दम इन लोहे के हथकड़ो में
खून की गर्मी से हमारे जब पिघल जाएंगे ये बंधन
देखना फिर शौर्य हमारा, लेगा दुश्मन का दम
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