ये सर्द रातें ,और ये तुम्हारा दहकता बदन कर देता है हमें मदहोश
क्या ज़रूरत है हमें अंगरो की तेरी बदन की सुलगती आग ही काफी है हमें गर्म करने के लिए
क्या ज़रूरत है हमें अंगरो की तेरी बदन की सुलगती आग ही काफी है हमें गर्म करने के लिए
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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