रेलगाड़ी के डिब्बे चलते हुए कहते है ,देखो हम लोहे के रास्ते पर चलते हुए भी एकसाथ चलते हैं
इंसान तू तो फूलों के सेज पर भी ,चार कदम अपनों के साथ नहीं चल सकता
शुक्र है हम मशीन है इंसान नहीं ......
इंसान तू तो फूलों के सेज पर भी ,चार कदम अपनों के साथ नहीं चल सकता
शुक्र है हम मशीन है इंसान नहीं ......
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें