गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

देखो देखो नया वर्ष आया अपने साथ खुशियों की सौगात लाया
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष को भी तुम व्यर्थ ना जाने देना
दृढ़ संकल्पों से अपनी किस्मत को चमका लेना
पिछले वर्ष की तरह हाथ आए मौके को ना गवा देना
 कर देना त्याग उन सभी बुराइयों का जो फैल आती है समाज में बुराइयां
इन बुराइयों को अपने तन मन से निकाल बाहर कर देना
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष को व्यर्थ ना गवा देना
 बहते जाना नदी की तरह सर सर किसी किनारे पर थक कर बैठ ना जाना
पिछले वर्ष की तरह   इस वर्ष को भी व्यर्थ ना गवा देना
 

       सुचित्रा

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी