मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

ये क्या युग आ गया भगवान  रक्षक बन गई भक्षक
अपने ही तन के टुकड़े  को बहा दिया शौचालय में जैसे हो कोई  मल मूत्र
हे नारी तुम कैसे कर सकती हो ये घिनौना कृत्य
तुम तो थी ममता की मूरत फिर कैसे हो गई करुणा त्यक्यत।
नन्हे से फूल को रोंदकर , खो दिया तुमने अपना नारीत्व
क्या युग आ गया रक्षक बन गई भक्षक
 
Write upon hawra Amritsar train incident , I strongly condemn it






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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी