बेवफ़ाई के बाज़ार में इन आसुओं की कोई कीमत नहीं यकीन नहीं तो बेचकर देख लो तन्हाई के आलावा कुछ नहीं मिलेगा।
गुरुवार, 27 दिसंबर 2018
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
क़ीमत
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
-
होली के रंगों से रंगे थे जिनके हाथ आज खून से लथपथ पड़े हैं तिरंगे के साथ जिन की मांगों में थी सिंदूर की लाली, सूनी पड़ी है कब से यह मांग ब...
-
shayari quotes and good thoughts: Sad shayari for lovers : Saza hume us baat ki mili jisme hamari khata na thi Dil toota hamara aur shika...
-
कच्चे धागे और रिश्ते होते है एक जैसे इनको बहुत ही सहेज कर रखना होता है क्योंकि इस जरा सी चोट से यह टूट जाते और अगर एक बार टूट गए थे जु...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें