मेरे मन के अन्दर झांककर देखो
गम के आलावा कुछ मिल जाए तो बताना
ख्वाहिशें दफन कर ली दिल कि गहराइयों में
इन गहराइयों को कभी नापकर देखना
दर्द के सिवा कुछ मिल जाए तो बताना
अकसर सोचती हूं इन गमों को लेकर में कैसे जिऊ मै
मेरे गम के बोझ कि गठरी उठाकर तो देखो
उठा कर टूट ना जाओ तो बताना
गम के आलावा कुछ मिल जाए तो बताना
ख्वाहिशें दफन कर ली दिल कि गहराइयों में
इन गहराइयों को कभी नापकर देखना
दर्द के सिवा कुछ मिल जाए तो बताना
अकसर सोचती हूं इन गमों को लेकर में कैसे जिऊ मै
मेरे गम के बोझ कि गठरी उठाकर तो देखो
उठा कर टूट ना जाओ तो बताना
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