मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

नफरतों की इस दुनिया में मोहब्बत मिलना है कितना मुश्किल गर मोहब्बत मिल भी जाए तो उस मोहब्बत को इस नफरतों से महफूज रखना भी है कितना मुश्किल

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी