रविवार, 30 दिसंबर 2018

 प्यार के अल्फ़ाज़ अधूरे हो या पूरे , यादों के निशान छोड़ ही जाते है।
कितना भी चाहे मिटा लो इनको ,नफरतों के असर को बेअसर कर ही जाते है।

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी