मंगलवार, 19 जुलाई 2022

 

फूलो की पंखुड़ियो जैसा है मेरा परिवार हरदम साथ

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी