Kavita
सर मेरा हाथ तुम्हारा
मेरी ज़िंदगी और क्या ……आशीर्वाद तुम्हारा
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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