बुधवार, 20 जुलाई 2022

नज़रें

मत बोल ज़ुबा से कुछ हाल ऐ दिल बयाँ करने को ये  नज़रें ही काफ़ी हैं

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी