एक जंगल में एक बंदर रहता था उसको जामुन बहुत पसंद थी वह रोज बहुत सारी जामुन खाता और गुठलियां नीचे फेंक देता था एक बार हमेशा की तरह बंदर जामुन खा रहा था नीचे एक शेर आया बंदर को देखकर शेर के मुंह में पानी आ गया शेर बोला आहा कितना स्वादिष्ट लगेगा जब मैं इसको खा लूंगा लेकिन किसको खाऊं कैसे यह तो कितनी ऊंचाई पर पेड़ पर बैठा है शेर बोला बंदर मुझे भी जामुन खाना है मुझे भी जामुन दे दो बंदर हस के बोला तुमने मुझे क्या पागल समझा है मैं नीचे आऊंगा तो तुम मुझे खा जाओगे फिर बोला नहीं नहीं अभी मेरा मांस खाने का मन नहीं है मैं जामुन खाना चाहता हूं तुम नीचे आकर मुझे जामुन दे दो बंदर बोला मैं ऊपर से ही जामुन फेंक देता हूं तब तुम खा लेना शेर बोला नहीं मैं नीचे गिरी हुई चीजें नहीं खाता तब बंदर बोला मैं तो नीचे नहीं आ सकता तुम मुझे खा जाओगे बहुत मनाने के बाद भी बंदर नहीं माना और वह नीचे नहीं आया। एक दिन शेर बंदर को फसाने के लिए केला लेकर आया शेर बोला बंदर देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया स्वादिष्ट केले तुम नीचे आकर रहने खा लो के लोगों को देखकर बंदर के मुंह में पानी आ गया लेकिन वो नीचे नहीं आया केले के बहाने तुम मुझे खाना चाहते हो मैं नहीं तो नहीं आऊंगा। शेर ने उस जगह पर केले के बीच फेंक दिए कुछ ही समय में वहां केले का एक पेड़ उगाया वह केले का पेड़ जामुन के पेड़ के ठीक बगल में था एक दिन बंदर ने देखा अरे वाह इस पेड़ में तो कितनी स्वादिष्ट के लिए लगे हुए हैं इतने दिनों से इस पेड़ के जामुन खा कर मैं ऊब गया हूं अब मुझे कुछ नया चाहिए शेर झाड़ियों में छुप गया वह घात लगाए बैठा था जैसे ही बंदर ने जामुन के पेड़ से केले के पेड़ में छलांग लगाई शेर ने बंदर को झपट लिया और मार डाला।
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