बुधवार, 13 जुलाई 2022

देखा तूने हमें ऐसे

 देख़ा तूने हमें इस क़दर ऐ मेरे सनम

शरमा गये हम ऐसे 

आँखो से पलकों

का  वज़न भी ना उठाया  गया  


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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी