Kavita
हम तुम्हें पाने के लिए मरते हैं ऐसे जैसे चिड़िया फिरती है दाने के लिए
एक दिल के कारण मजबूर है तो दूसरा पेट के कारण
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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