गुरुवार, 3 जनवरी 2019

बेइमान व्यापारी और रामप्यारे

एक बार की बात है बहुत गरीब जिसका नाम था रामप्यारे वह अपनी पत्नी के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहता था उसके पास कोई काम नहीं था वह अपनी गरीबी से तंग आ गया था वह सोचने लगा कि मैं क्या काम करूं जिससे मैं अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं तो उसे एक विचार आया उसने सोचा कि मैं एक गाय खरीद लेता हूं गाय खरीदने के बाद उसके दूध को बेचूंगा और मक्खन को भी । गाय खरीद ले आया उसने गाय से दूध निकाला और उससे मक्खन बनाया उसकी पत्नी ने इस काम में उसकी सहायता की शुरुआत में उसके पास वजन तोलने की मशीन नहीं थी क्योंकि वह गरीब था इसलिए उसने अंदाजे से छोटे छोटे पैकेट बनाकर शहर निकल गया और एक ग्रॉसरी स्टोर में घुस गया और बोला भाई यह ताजा मक्खन है तुम चाहो तो इसे खरीद लो तुम्हें जितना दान देना हो दे दो मुझे पैसों की सख्त जरूरत हैदुकानदार बोला अरे वाह यह तो अच्छी बात है इससे में काफी मुनाफा कमा सकता हूं दुकानदार बोला अच्छा लाओ दे दो ठीक है लेकिन यह कितने वजन का है रामप्यारे बोला देखो भैया हमारे पास बजन तोलने की मशीन तो है नहीं छोटे-छोटे पैक अंदाजे से हमने बना दिए हैं दुकानदार बोला चलो ठीक है अब तुम मुझे  एक 1 किलो  पैकेट दिया करोइसके बदले में मैं तुम्हें  गृह उपयोगी सामान दूंगा। किलोक्खन लाता और बदले में किराने का सामान और शक्कर ले आता
दुकानदार ने मखन को जब मशीन पर रखा तो उसने देखा यह क्या रामप्यारे धोखेबाज है 1 किलो की जगह 900 ग्राम का मक्खन देता है मुझसे चाल बाजी और धोखेबाजी आएगा तो बताता हूं अगले दिन रामप्यारे मक्खन लेकर आया दुकानदार गुस्से में बोला निकल जाओ यहां से मुझे नहीं चाहिए आपसे तुम्हारा मक्खन रामप्यारी बोला क्यों भाई क्या बात है ऐसे क्यों बोल रहे हो तुम चालबाज हो धोखेबाज कहीं के दुकानदार बोला तुम मुझे 1 किलो मक्खन की बजाय 900 ग्राम दे रहे थे और 100 ग्राम की बेईमानी करते हो तब रामप्यारे हम तो गरीब हैं हमारे पास बजन तोलने के लिए कोई मशीन नहीं है तो हम आपके द्वारा दी गई शक्कर का इस्तेमाल इस Makhan तौलने मैं करते थे जैसे ही यह बात दुकानदार ने सुनी वह शर्म से पानी-पानी हो गया इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी के साथ बेईमानी नहीं करना चाहिए

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क़ीमत

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