गुरुवार, 3 जनवरी 2019

रात को देखा जब आसमानों में , उड़ते हुए
पंछी गायब थे
दिन में देखा आसमानों में, तो  चांद तारे गायब थे

चांद तारो और पंछियों की लुकाछिपी में,   सूरज  भी छिप गया रातों  में कहीं
प्रकृति ने कैसा रचाया यह अनूठा खेल, बैठता जिससे दिन रात ऋतुओं  सही का  तालमेल






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी