नज़रों के इशारे में बोल गए वो बात जो कभी जुबान नहीं बोल पाई
चुरा के दिल कर गए वो काम जो कर ना पाया कोई
अब इस गुनाह कि क्या सजा दे हम उन्हें ,गुनाह तो हमने भी किया उनका दिल चुराकर
चुरा के दिल कर गए वो काम जो कर ना पाया कोई
अब इस गुनाह कि क्या सजा दे हम उन्हें ,गुनाह तो हमने भी किया उनका दिल चुराकर
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