रविवार, 6 जनवरी 2019

क्या हुआ ,बस दिल टूटा है पर हौसला तो नहीं
क्या हुआ , अरमान बिखरे है पर  जीवन तो नहीं

उठो दिलो में रोशनी भरकर, उठो बिखरे अरमान समेटकर क्या हुआ कठिनाइयां मिलीं है रास्ते में
मंजिल गुम तो नहीं हुई।

     




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी