दादी है बहुत याद आती
कभी हसती थी कभी रुलाती थी
बात ना मानने पर गुस्सा हो जाया करती थी
कभी बिन बात मम्मी से लड़ जाया करती थी ,
कुछ खट्टी थी कुछ मीठी थी
मेढक मेढकी की कहानी सुनाया करती थी
मम्मी वक्त पर खाना ना बना पाए तो
स्कूल में टिफिन देने आया करती थी
दिन पसंद नहीं था उनको शायद
इसीलिए
गाव से हमेशा रात में आया करती थी
एक अरसा बीत गया उनको गए
लेकिन याद कभी कभी आ जाया करती है ।
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