लगता छोटा ,पर है मासूम
छोटे शहर में सुख सुविधाएं तो नहीं होती लेकिन सुकून बड़ा होता है छोटे शहर में मेट्रो नहीं होती हवाई अड्डा नहीं होता मॉल नहीं होती लेकिन सुकून बहुत ज्यादा
अपने बीते हुए कल को एक छोटे शहर में देख पाती हूं मैं पहले छोटे शहर में रहा करती थी मेरे मां-बाप हम दो बहने एक साथ रहा करते थे और उस समय की यादें आज भी तरोताजा हो जाती है
छोटी सी साइकिल में पूरा मोहल्ला घूम लेते थे मोहल्ले बच्चों की टोलियां घूमा करती थी होली पर तो बच्चों की मौज मस्ती देखते ही बनती थी सुबह से लेकर ही शुरुआत हो जाती थी रंग लगाने की, इतना उत्साह था हर त्यौहार को लेकर जिसका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है चार-पांच दिन पहले से ही रंग पिचकारी और मुखौटा और भोपु लेकर घूमते थे लेकिन आप सब कुछ बदल गया है लोगों को बात करने का शराबी समय नहीं है सब अपने-अपने काम में व्यस्त हैं अभी तो ऐसे लगता है कि कुछ दिनों बाद लोग त्योहार मनाना ही भूल जाएंगे।
लेकिन यह सब चीजें छोटे गांव और शहरों में अभी भी जिंदा है इसलिए ऐसा महसूस होता है जैसे दोबारा वह समय में आ गई हूं ।
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