ऊर्जा को खाने में डालिए प्यार से परोसिए
मंगलवार, 15 दिसंबर 2020
घर का स्वाद
घर के खाने स्वाद कभी कोई नहीं भूल पाता घर के खाने के स्वाद में ही एक अलग ही मजा है घर पर खाना जब मैं पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर इंदौर में रहा करती थी मुझे बाहर खाना पड़ता था पर वह स्वाद नहीं था जो मां के हाथ के खाने में था क्योंकि वह प्यार होटल वाला यह बाहर कोई नहीं दे सकता खाने में जान डाल देता है मां के हाथ का बना खाना खाना जब हम बना रहे होते हैं तो बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है कि बनाने वाले का स्टेट ऑफ माइंड किया है वह किस मेंटल स्टेट से खाना बना रहा है अगर वह गुस्सा होकर बना रहा है तो खाना बेकार ही बनेगा टेस्टलेस बनेगा इसलिए कहते हैं जब भी खाना बनाओ अच्छे मन से बनाओ बहुत ही टेस्टी बनता है मेरी मां हमेशा कहती थी यह बात और आज भी उस बात पर अमल कर रही हूं सच में खाना बहुत ही टेस्टी बनता है जब भी बनाती हूं
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