रविवार, 27 दिसंबर 2020

I love my चप्पल

 ए चप्पल तुम्हरा शुक्रिया  जो काटों भरे रास्तों में तक साथ नहीं छोड़ती ,घर पर साथ देती ,यह तक शौचलय में भी साथ नहीं छोड़ती 
रास्ता दुर्गम हो या सरल,   गंदा हो या साफ हर वक्त साथ 
खुद फट जाती फिर भी मेरे पैरो की हिफासत करती,  
Thank you ☺️❣️😻 my dear चप्पल 
कभी मां का हथियार बन जाती , कभी मनचलों को पीटती
कितना कुछ करती है ये चप्पल 




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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी