रास्ता दुर्गम हो या सरल, गंदा हो या साफ हर वक्त साथ
खुद फट जाती फिर भी मेरे पैरो की हिफासत करती,
Thank you ☺️❣️😻 my dear चप्पल
कभी मां का हथियार बन जाती , कभी मनचलों को पीटती
कितना कुछ करती है ये चप्पल
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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