जो जिस धर्म को मानना चाहता है जिस भगवान की पूजा करना चाहता है उसे पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए लेकिन कुछ लोग अपने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए दूसरे लोगों को बाध्य करते हैं कि उनके धर्म को अपनाओ यह पूरी तरह से गलत है।
अभी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर मैंने एक तस्वीर देखी जिसमें कि क्रिसमस पर यीशु अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे थे वह अपना केक काट रहे थे और उनके आसपास अलग-अलग धर्मों के भगवान खड़े हुए थे जैसे कि गुरु नानक महावीर भगवान विष्णु इत्यादि
किसी भगवान ने गुरु नानक देव जी के कंधों पर हाथ रख लिया चित्र को देखकर मुझे चित्रकार की कलाकारी का बड़ा अचंभा हुआ कितनी प्यार से उसने चित्रण किया कितना अच्छा संदेश दिया कि भगवान जब अच्छी प्यार से मिलजुल कर रह सकते हैं तो फिर हम क्यों नहीं रह सकते।
लेकिन कुछ लोगों को यह गवारा नहीं मैंने कमेंट सेक्शन में पढ़ा
Bsdk गुरु नानक के कंधे पर हाथ क्यों रखा
नकारात्मक टिप्पणियां थी
किसी ने कलाकार की कलाकारी की सराहना नहीं की।
क्यों हम सब अपने आपसी भाईचारे को खत्म कर रहे हैं क्यों
यह किसी झगड़े का विषय है ही नहीं तो भाइयों दिल से उबेर निकालो और दिल मिलकर गले मिलो।
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