मा ईश्वर की अनुपम रचना है दया करुणा प्रेम भाव अगर एक साथ कहीं देखना हो तो किसी मा कि चेहरे की तरफ देख लेना यह सभी भाव तुम्हें मिल जाएंगे
अपने बच्चो के लिए हर तरह का त्याग करने को तत्पर मा बच्चो की परवरिश में अपनी जान लगा देती है .
दो रोटी की जगह आधी रोटी में गुजारा करने वाली मा कभी भी अपने बच्चो को भूखे पेट नहीं सुलाती
बच्चे को हर बात सिखानी पड़ती है सिवाय एक चीज की एक शब्द की को वो अपनी मां को कोख से सीख कर आता है वो सब्द है मा पता नहीं कैसे ये शब्द सीखने की उसे कोई ज़रुरत नहीं होती ।
दुनिया को सबसे महफूज़ जगह है मा की गोद जहां किसी का भय नहीं होता मा अपने बच्चो के लिए अपनी जान भी न्योछावर करने के लिए एक पल नहीं सोचती।
अपने बच्चो के लिए हर तरह का त्याग करने को तत्पर मा बच्चो की परवरिश में अपनी जान लगा देती है .
दो रोटी की जगह आधी रोटी में गुजारा करने वाली मा कभी भी अपने बच्चो को भूखे पेट नहीं सुलाती
बच्चे को हर बात सिखानी पड़ती है सिवाय एक चीज की एक शब्द की को वो अपनी मां को कोख से सीख कर आता है वो सब्द है मा पता नहीं कैसे ये शब्द सीखने की उसे कोई ज़रुरत नहीं होती ।
दुनिया को सबसे महफूज़ जगह है मा की गोद जहां किसी का भय नहीं होता मा अपने बच्चो के लिए अपनी जान भी न्योछावर करने के लिए एक पल नहीं सोचती।
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