शुक्रवार, 24 मई 2019

मुस्कुराने की आदत है

सौ दर्द है इस दिल में फिर भी मुस्कुराने की आदत है
ज़ख़्म पर भले ही नमक लगाए दुनिया फिर भी ीइस ज़ख्म को छुपाने की आदत है
आंसुओ से भीग जाती है पलके फिर भी झूठा मुस्कुराने की आदत है
यही तो है बस ज़िंदगी गम और खुशी दोनो देना इसकी आदत है

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी