सौ दर्द है इस दिल में फिर भी मुस्कुराने की आदत है
ज़ख़्म पर भले ही नमक लगाए दुनिया फिर भी ीइस ज़ख्म को छुपाने की आदत है
आंसुओ से भीग जाती है पलके फिर भी झूठा मुस्कुराने की आदत है
यही तो है बस ज़िंदगी गम और खुशी दोनो देना इसकी आदत है
ज़ख़्म पर भले ही नमक लगाए दुनिया फिर भी ीइस ज़ख्म को छुपाने की आदत है
आंसुओ से भीग जाती है पलके फिर भी झूठा मुस्कुराने की आदत है
यही तो है बस ज़िंदगी गम और खुशी दोनो देना इसकी आदत है
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