मन कितना चंचल है इंसान चंचल हो ना हो लेकिन मन चंचल जरूर होता है मन की प्रकृति ही है इसका चंचल स्वभाव आदमी चाहे कितना भी साधारण सीधा सरल क्यों ना हो लेकिन उसका मन चंचल ही होता है इधर-उधर भागना उसकी प्रवृत्ति होती है और जो लोग अपने मन को एक जगह पर टिका कर रखते हैं वही लोग शांत होते हैं
अगर मन को अपने बस में करना चाहते हो तो मन के विचारों से लड़ो मत लड़ाई करोगे उलझ जाओगे मन में चलने वाले विचार को एक मूकदर्शक की भांति देखो ना उनम अच्छा बोलो ना खराब बोलो बस चुपचाप देखते रहो वह आएंगे और चले जाएंगे thoughts are like passing clouds
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