मंगलवार, 12 मई 2020

अंखियों में निंदिया कैसे आए

अंखियों में निंदिया कैसे आए 
बंद करते ही एक  अधूरा सपना छा जाए
पूरा करने को जी ललचाए 
मेहनत करने से ना घबराए
फिर एक दिन सफलता मिल ही जाए


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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी