शाम बीत गई उनकी यादों में
रात बीत गई उनकी बातों में
महीने बीते बरसातो में
सादिया बीत गई उनकी इंतजार में
पर आई ना ख़बर एक बार भी
कह कर चले गए मुस्कुराकर
हमारे खेल को क्यो समझ लिया प्यार तुमने अनजाने में
रात बीत गई उनकी बातों में
महीने बीते बरसातो में
सादिया बीत गई उनकी इंतजार में
पर आई ना ख़बर एक बार भी
कह कर चले गए मुस्कुराकर
हमारे खेल को क्यो समझ लिया प्यार तुमने अनजाने में
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