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मंगलवार, 23 अप्रैल 2019
आसुओं कि कीमत
कीमत ना समझी असुओ की हमारी खुद ही हमने, हसी के लिए निकले जन सैलाब में
दाम भी किसी ने ठीक ना लगाया हर वक़्त खुद को बेबसी का ज़िम्मेदार बताया
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