आज देखा उस गरीब की आंखो में नमी के साथ मजबूरी मिली
भूखे पेट के साथ,चल रहा था बंदा धूप की तपिश में
दुख के पेटी में छोटी छोटी खुशियों की चाबी मिली
चाबी से खोलना चाहा किस्मत का ताला ,देखा तो ताले में जंग निकली
भूखे पेट के साथ,चल रहा था बंदा धूप की तपिश में
दुख के पेटी में छोटी छोटी खुशियों की चाबी मिली
चाबी से खोलना चाहा किस्मत का ताला ,देखा तो ताले में जंग निकली
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