गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

नया साल मुबारक हो happy new year

2020 चला गया बहुत कुछ सीखा कर गया ज़िन्दगी अनिश्चित है अहंकार व्यर्थ है 

Hospital के बेड पर सारी सच्चाई मालूम पड़ जाती है ,हमारी ज़िन्दगी का तो छोड़ो पूरी प्रथ्वी की ज़िन्दगी भी तो अनिश्चित है विनाश के कई साधन है न्यूक्लियर बॉम्ब उल्का पिंड और ना जाने क्या क्या 

 ज़िन्दगी को मजे में जीना , 

2021 को यादगार बनाना नए संकल्प लेना और अमल करना 

ज़िन्दगी को khoobsurat bana लेना






सोमवार, 28 दिसंबर 2020

धर्मनिरपेक्ष

सभी को अपना अपना धर्म मानने की स्वतंत्रता है यह स्वतंत्र आजाद देश का एक बहुत ही अच्छा उदाहरण है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैएक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए
जो जिस धर्म को मानना चाहता है जिस भगवान की पूजा करना चाहता है उसे पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए लेकिन कुछ लोग अपने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए दूसरे लोगों को बाध्य करते हैं कि उनके धर्म को अपनाओ यह पूरी तरह से गलत है।
अभी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर मैंने एक तस्वीर देखी जिसमें कि क्रिसमस पर यीशु अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे थे वह अपना केक काट रहे थे और उनके आसपास अलग-अलग धर्मों के भगवान खड़े हुए थे जैसे कि गुरु नानक महावीर भगवान विष्णु इत्यादि
किसी भगवान ने गुरु नानक देव जी के कंधों पर हाथ रख लिया चित्र को देखकर मुझे चित्रकार की कलाकारी का बड़ा अचंभा हुआ कितनी प्यार से उसने चित्रण किया कितना अच्छा संदेश दिया कि भगवान जब अच्छी प्यार से मिलजुल कर रह सकते हैं तो फिर हम क्यों नहीं रह सकते।
लेकिन कुछ लोगों को यह गवारा नहीं मैंने कमेंट सेक्शन में पढ़ा 
Bsdk गुरु नानक के कंधे पर हाथ क्यों रखा 
नकारात्मक टिप्पणियां थी
किसी ने कलाकार की कलाकारी की सराहना नहीं की।
क्यों हम सब अपने आपसी भाईचारे को खत्म कर रहे हैं क्यों
यह किसी झगड़े का विषय है ही नहीं तो भाइयों दिल से उबेर निकालो और दिल मिलकर गले मिलो।



रविवार, 27 दिसंबर 2020

I love my चप्पल

 ए चप्पल तुम्हरा शुक्रिया  जो काटों भरे रास्तों में तक साथ नहीं छोड़ती ,घर पर साथ देती ,यह तक शौचलय में भी साथ नहीं छोड़ती 
रास्ता दुर्गम हो या सरल,   गंदा हो या साफ हर वक्त साथ 
खुद फट जाती फिर भी मेरे पैरो की हिफासत करती,  
Thank you ☺️❣️😻 my dear चप्पल 
कभी मां का हथियार बन जाती , कभी मनचलों को पीटती
कितना कुछ करती है ये चप्पल 




बुधवार, 23 दिसंबर 2020

सोने सा मन

मत कहिए सोने सा मन है उसका , कियुकी हर सोना खरा नहीं होता 

खट्टा मीठा नींबू आचार

वो नींबू सी खट्टी और मै शकर सा मीठा
आचार खट्टा मीठा तो बनना ही था 

वर्तमान में जिओ जीवन का आनंद उठाओ

 वर्तमान में जीना कोई बच्चों से सीखे बेवजह मुस्कुराना खेलना कूदना 


बच्चे कभी depress नहीं होते क्यों क्योंकि वह वर्तमान में जीते हैं और जो वर्तमान में जीता है वह डिप्रेस्ड हो ही नहीं सकता

इसलिए खुशी से जीना है तो वर्तमान में रहन सीखो हमारा मन भूत और भविष्य के बीच डोलता रहता है किसी पेंडुलम घड़ी की तरह

अगल बगल भूत और भविष्य है और बीच में वर्तमान बस आपकी हालत पेंडुलम घड़ी की तरह  हो गई है

भूत के बारे में सोचने से कुछ नहीं मिलेगा आप उसको बदल नहीं सकते चाहे जितना कोशिश कर लीजिए भविष्य में आपके हाथों में नहीं है बस वर्तमान पर पकड़ है उसे पकड़ो और उससे जुड़ जाओ।


बच्चे क्यों डिप्रेस्ड नहीं होते क्योंकि वह वर्तमान में जीते हैं आपने देखा होगा जवान अपने बचपन को याद करता है और बूढ़ा अपनी जवानी को याद करता है। लेकिन बच्चा कुछ याद नहीं करता वह केवल वर्तमान में जीता है और उसको जीता है।




मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

छोटा शहर

छोटे शहेर का बड़ा सुकून 
लगता छोटा ,पर है मासूम


छोटे शहर में सुख सुविधाएं तो नहीं होती लेकिन सुकून बड़ा होता है छोटे शहर में मेट्रो नहीं होती हवाई अड्डा नहीं होता मॉल नहीं होती लेकिन सुकून बहुत ज्यादा
अपने बीते हुए कल को एक छोटे शहर में देख पाती हूं मैं पहले छोटे शहर में रहा करती थी मेरे मां-बाप हम दो बहने एक साथ रहा करते थे और उस समय की यादें आज भी तरोताजा हो जाती है 

छोटी सी साइकिल में पूरा मोहल्ला घूम लेते थे मोहल्ले बच्चों की टोलियां घूमा करती थी होली पर तो बच्चों की मौज मस्ती देखते ही बनती थी सुबह से लेकर ही शुरुआत हो जाती थी रंग लगाने की, इतना उत्साह था हर त्यौहार को लेकर जिसका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है चार-पांच दिन पहले से ही रंग पिचकारी और मुखौटा और भोपु लेकर घूमते थे लेकिन आप सब कुछ बदल गया है लोगों को बात करने का शराबी समय नहीं है सब अपने-अपने काम में व्यस्त हैं अभी तो ऐसे लगता है कि कुछ दिनों बाद लोग त्योहार मनाना ही भूल जाएंगे।
लेकिन यह सब चीजें छोटे गांव और शहरों में अभी भी जिंदा है इसलिए ऐसा महसूस होता है जैसे दोबारा वह समय में आ गई हूं ।



क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी