मंगलवार, 8 जनवरी 2019
Rishte khatte meethe
कुछ रिश्ते बड़े अजीब होते कभी बन ही नहीं पाते
जैसे कि सास बहू का रिश्ता कितना भी जोड़ो जुड़ते नहीं
बॉस का emloyee से रिश्ता नन्र्द का भाभी से कभी नहीं बनने वाली
है भगवान कोई तो नमूना प्रस्तुत करो कि ये सब प्रेम से मिलजुलकर प्यार से रहे
वैसे मुझे पता है ये कभी भी नहीं होने वाला
चलो भाई अपना अपना काम करो फोकट में समय बर्बाद ना करो😂😂
ये हमेशा लड़ते थे और हमेशा लड़ते ही रहेगें 😂
जैसे कि सास बहू का रिश्ता कितना भी जोड़ो जुड़ते नहीं
बॉस का emloyee से रिश्ता नन्र्द का भाभी से कभी नहीं बनने वाली
है भगवान कोई तो नमूना प्रस्तुत करो कि ये सब प्रेम से मिलजुलकर प्यार से रहे
वैसे मुझे पता है ये कभी भी नहीं होने वाला
चलो भाई अपना अपना काम करो फोकट में समय बर्बाद ना करो😂😂
ये हमेशा लड़ते थे और हमेशा लड़ते ही रहेगें 😂
सोमवार, 7 जनवरी 2019
Rossy rose and beauty contest
एक फूल गुलाब का बगीचा में लगा हुआ था वह बहुत ही सुंदर था उसका नाम था रोजी उस
की खूबसूरती देखकर बगीचे मैं लगे फूलों को रोजी से जलन होने लगी वह सोचने लगे यह कैसी सुंदर दिन पर दिन होती जा रही है क्या कारण है गेंदे के फूल नहीं एक दिन पूछ ही लिया Rosie Rosie बताओ तो तुम इतनी गर्मी में खिली खिली और इतनी खूबसूरत कैसे हो रोजी बोली मेरा जड़ बहुत अच्छा है मेरा तना और पत्तियां भी बहुत अच्छे हैं यह सब मुझे हमेशा पानी पिलाते रहते हैं जिससे मैं मुरझा नहीं पड़ती हमारी एकता बेमिसाल है हम मिलजुल कर रहते हैं कभी लड़ाई झगड़े नहीं करते यही मेरी खूबसूरती का राज है 1 दिन कीड़ा वहां पर आया उसने रोजे को देखा और उसकी लार लार टपकने लगी बोला क्या खूबसूरत फूल है अब मैं इसको खाऊंगा और अपना पेट भर लूंगा इतने दिनों से कुछ खाया भी नहीं है नहीं तो मैं भुखमरी से मर जाऊंगा मुझे भोजन की बहुत ही ज्यादा जरूरत है लेकिन यह क्या यह फूल तो कितना लंबा है और ऊपर है और इसके काटे तो देखो जानलेवा है इस पर मैं तो मर ही जाऊंगा क्या करूं क्या करूं कीड़ा सोचने लगा कीड़ा सोचने लगा फिर उसे एक आइडिया Aaya वह रोजी से बोला अरे सुनो यही पास में सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है देश-विदेश से सुंदर सुंदर फूल इस प्रतियोगिता में शामिल होने जा रहे हैं तुम चाहो तो इसमें भाग ले सकती हो क्या बात है फिर तो मैं जरूर आउंगी कीड़ा कीड़ा साहब मैं जरूर आउंगी मेरा फॉर्म भर दो कि वह बोला ओके लेकिन यह अपनी जड़ें और कांटे छोड़ कर आना नहीं तो मैं तो प्रतियोगिता से बाहर निकाल दिया जाएगा सोच कर Roji Boli मैं इन को छोड़कर कैसे आ सकती हूं धूर्त कीड़ा बोला वह तुम देख लो तुम्हें नहीं छोड़ कर जाना होगा गुलाब बोली ओके मैं आ जाऊंगी कीड़ा बोला कल ठीक समय पर आ जाना गुलाब मतलब रोजी अपनी जड़ों और कांटो को छोड़ कर अकेले ही तपती धूप में जाने लगी थोड़ी दूर चलने के बाद उसे बहुत प्यास लगने लगी वह मुरझाने लगी अरे आज तो बहुत गर्मी है और मैंने गलत किया शायद अपने परिवार को छोड़कर अब मैं क्या करूं मैं मर जाऊंगी हाय कितनी गर्मी है थोड़ी दूर चलने के बाद शिकारी कीड़ा उसे दिखाई दिया कीड़ा साहब मुझे तो बहुत प्यास लगी है और यह क्या यहां तो कोई भी नहीं है कीड़ा बोला हा हा हा हा हा फस गई जाल में रोजी तुझे क्या लगा यहां कोई प्रदर्शनी है कोई प्रतियोगिता है अरे तुझे फंसाने के लिए मैंने झूठ बोला था ताकि मैं तेरे इस सुंदर रुप का रसपान कर सकु । आजा अब मैं तुझे खा लूंगा रोजी घबरा गई वह दौड़ने लगी कीड़ा भी उसके पीछे दौड़ने लगा उसको खाने के लिए वह अपनी जड़ों को बुखार नहीं लगी जड़ जड़ जड़ जड़ जड़ जड़ कांटे ने उसी को देख लिया और उसने अपने कांटों से कीड़े को मसल डाला Phir जड़ ने Rosie कोपानी पिलाया इसके बाद वह सब लोग खुशी से साथ साथ रहने लगे और कभी अलग नहीं हुए रोजी को अपना सबक मिल चुका था। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी हमें अपने परिवार का साथ नहीं छोड़ना चाहिए यह वही लोग हैं जो हमें हमारी परिस्थितियों में हमारी सहायता करते हैं
की खूबसूरती देखकर बगीचे मैं लगे फूलों को रोजी से जलन होने लगी वह सोचने लगे यह कैसी सुंदर दिन पर दिन होती जा रही है क्या कारण है गेंदे के फूल नहीं एक दिन पूछ ही लिया Rosie Rosie बताओ तो तुम इतनी गर्मी में खिली खिली और इतनी खूबसूरत कैसे हो रोजी बोली मेरा जड़ बहुत अच्छा है मेरा तना और पत्तियां भी बहुत अच्छे हैं यह सब मुझे हमेशा पानी पिलाते रहते हैं जिससे मैं मुरझा नहीं पड़ती हमारी एकता बेमिसाल है हम मिलजुल कर रहते हैं कभी लड़ाई झगड़े नहीं करते यही मेरी खूबसूरती का राज है 1 दिन कीड़ा वहां पर आया उसने रोजे को देखा और उसकी लार लार टपकने लगी बोला क्या खूबसूरत फूल है अब मैं इसको खाऊंगा और अपना पेट भर लूंगा इतने दिनों से कुछ खाया भी नहीं है नहीं तो मैं भुखमरी से मर जाऊंगा मुझे भोजन की बहुत ही ज्यादा जरूरत है लेकिन यह क्या यह फूल तो कितना लंबा है और ऊपर है और इसके काटे तो देखो जानलेवा है इस पर मैं तो मर ही जाऊंगा क्या करूं क्या करूं कीड़ा सोचने लगा कीड़ा सोचने लगा फिर उसे एक आइडिया Aaya वह रोजी से बोला अरे सुनो यही पास में सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है देश-विदेश से सुंदर सुंदर फूल इस प्रतियोगिता में शामिल होने जा रहे हैं तुम चाहो तो इसमें भाग ले सकती हो क्या बात है फिर तो मैं जरूर आउंगी कीड़ा कीड़ा साहब मैं जरूर आउंगी मेरा फॉर्म भर दो कि वह बोला ओके लेकिन यह अपनी जड़ें और कांटे छोड़ कर आना नहीं तो मैं तो प्रतियोगिता से बाहर निकाल दिया जाएगा सोच कर Roji Boli मैं इन को छोड़कर कैसे आ सकती हूं धूर्त कीड़ा बोला वह तुम देख लो तुम्हें नहीं छोड़ कर जाना होगा गुलाब बोली ओके मैं आ जाऊंगी कीड़ा बोला कल ठीक समय पर आ जाना गुलाब मतलब रोजी अपनी जड़ों और कांटो को छोड़ कर अकेले ही तपती धूप में जाने लगी थोड़ी दूर चलने के बाद उसे बहुत प्यास लगने लगी वह मुरझाने लगी अरे आज तो बहुत गर्मी है और मैंने गलत किया शायद अपने परिवार को छोड़कर अब मैं क्या करूं मैं मर जाऊंगी हाय कितनी गर्मी है थोड़ी दूर चलने के बाद शिकारी कीड़ा उसे दिखाई दिया कीड़ा साहब मुझे तो बहुत प्यास लगी है और यह क्या यहां तो कोई भी नहीं है कीड़ा बोला हा हा हा हा हा फस गई जाल में रोजी तुझे क्या लगा यहां कोई प्रदर्शनी है कोई प्रतियोगिता है अरे तुझे फंसाने के लिए मैंने झूठ बोला था ताकि मैं तेरे इस सुंदर रुप का रसपान कर सकु । आजा अब मैं तुझे खा लूंगा रोजी घबरा गई वह दौड़ने लगी कीड़ा भी उसके पीछे दौड़ने लगा उसको खाने के लिए वह अपनी जड़ों को बुखार नहीं लगी जड़ जड़ जड़ जड़ जड़ जड़ कांटे ने उसी को देख लिया और उसने अपने कांटों से कीड़े को मसल डाला Phir जड़ ने Rosie कोपानी पिलाया इसके बाद वह सब लोग खुशी से साथ साथ रहने लगे और कभी अलग नहीं हुए रोजी को अपना सबक मिल चुका था। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी हमें अपने परिवार का साथ नहीं छोड़ना चाहिए यह वही लोग हैं जो हमें हमारी परिस्थितियों में हमारी सहायता करते हैं
रविवार, 6 जनवरी 2019
शनिवार, 5 जनवरी 2019
गुरुवार, 3 जनवरी 2019
बेइमान व्यापारी और रामप्यारे
एक बार की बात है बहुत गरीब जिसका नाम था रामप्यारे वह अपनी पत्नी के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहता था उसके पास कोई काम नहीं था वह अपनी गरीबी से तंग आ गया था वह सोचने लगा कि मैं क्या काम करूं जिससे मैं अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं तो उसे एक विचार आया उसने सोचा कि मैं एक गाय खरीद लेता हूं गाय खरीदने के बाद उसके दूध को बेचूंगा और मक्खन को भी । गाय खरीद ले आया उसने गाय से दूध निकाला और उससे मक्खन बनाया उसकी पत्नी ने इस काम में उसकी सहायता की शुरुआत में उसके पास वजन तोलने की मशीन नहीं थी क्योंकि वह गरीब था इसलिए उसने अंदाजे से छोटे छोटे पैकेट बनाकर शहर निकल गया और एक ग्रॉसरी स्टोर में घुस गया और बोला भाई यह ताजा मक्खन है तुम चाहो तो इसे खरीद लो तुम्हें जितना दान देना हो दे दो मुझे पैसों की सख्त जरूरत हैदुकानदार बोला अरे वाह यह तो अच्छी बात है इससे में काफी मुनाफा कमा सकता हूं दुकानदार बोला अच्छा लाओ दे दो ठीक है लेकिन यह कितने वजन का है रामप्यारे बोला देखो भैया हमारे पास बजन तोलने की मशीन तो है नहीं छोटे-छोटे पैक अंदाजे से हमने बना दिए हैं दुकानदार बोला चलो ठीक है अब तुम मुझे एक 1 किलो पैकेट दिया करोइसके बदले में मैं तुम्हें गृह उपयोगी सामान दूंगा। किलोक्खन लाता और बदले में किराने का सामान और शक्कर ले आता
दुकानदार ने मखन को जब मशीन पर रखा तो उसने देखा यह क्या रामप्यारे धोखेबाज है 1 किलो की जगह 900 ग्राम का मक्खन देता है मुझसे चाल बाजी और धोखेबाजी आएगा तो बताता हूं अगले दिन रामप्यारे मक्खन लेकर आया दुकानदार गुस्से में बोला निकल जाओ यहां से मुझे नहीं चाहिए आपसे तुम्हारा मक्खन रामप्यारी बोला क्यों भाई क्या बात है ऐसे क्यों बोल रहे हो तुम चालबाज हो धोखेबाज कहीं के दुकानदार बोला तुम मुझे 1 किलो मक्खन की बजाय 900 ग्राम दे रहे थे और 100 ग्राम की बेईमानी करते हो तब रामप्यारे हम तो गरीब हैं हमारे पास बजन तोलने के लिए कोई मशीन नहीं है तो हम आपके द्वारा दी गई शक्कर का इस्तेमाल इस Makhan तौलने मैं करते थे जैसे ही यह बात दुकानदार ने सुनी वह शर्म से पानी-पानी हो गया इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी के साथ बेईमानी नहीं करना चाहिए
दुकानदार ने मखन को जब मशीन पर रखा तो उसने देखा यह क्या रामप्यारे धोखेबाज है 1 किलो की जगह 900 ग्राम का मक्खन देता है मुझसे चाल बाजी और धोखेबाजी आएगा तो बताता हूं अगले दिन रामप्यारे मक्खन लेकर आया दुकानदार गुस्से में बोला निकल जाओ यहां से मुझे नहीं चाहिए आपसे तुम्हारा मक्खन रामप्यारी बोला क्यों भाई क्या बात है ऐसे क्यों बोल रहे हो तुम चालबाज हो धोखेबाज कहीं के दुकानदार बोला तुम मुझे 1 किलो मक्खन की बजाय 900 ग्राम दे रहे थे और 100 ग्राम की बेईमानी करते हो तब रामप्यारे हम तो गरीब हैं हमारे पास बजन तोलने के लिए कोई मशीन नहीं है तो हम आपके द्वारा दी गई शक्कर का इस्तेमाल इस Makhan तौलने मैं करते थे जैसे ही यह बात दुकानदार ने सुनी वह शर्म से पानी-पानी हो गया इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी के साथ बेईमानी नहीं करना चाहिए
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