Kavita
कुछ चटक सा गया है दिल मे समझ नहीं अता
क्या खोया है समझ नहीं आता
ज़िंदगी जिए जा रहे हैं यूँ ही
कहाँ जाएँगे कुछ समझ नहीं आता
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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