Kavita
ना जाने किसके ख़्यालों मे खो जाते हैं हम
बैठे बैठे यूँ ही सो जातें है हम
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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