गुरुवार, 21 जुलाई 2022

Chupke chupke

हमसे बेहतर तुम्हें कोन जानता है 

ज़ो भी जानता है ग़लत जानता है

चुपके से चुरा लेते हो दिल का चैन ओ सुकून 

फिर कहते हो ,हमें कहाँ कुछ आता है


दशहरी आम

 कोई जाए  ना ऐसे , दशहरी आम हो जैसे😪😪

बुधवार, 20 जुलाई 2022

सूरत

जिसने भी लिखा क्या खूब लिखा आइने मे सिर्फ़ सूरत दिखती है सीरत नहीं 


नज़रें

मत बोल ज़ुबा से कुछ हाल ऐ दिल बयाँ करने को ये  नज़रें ही काफ़ी हैं

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी