किताबों में डुबकी लगाकर तो देखो यारो ना मोती मिले तो कहना
कातिल निगाहों से हटकर ज़रा इनके तरफ देखो ना ज़िन्दगी गुलज़ार ना हो जाए तो कहना
किताबों में डुबकी लगाकर तो देखो यारो ना मोती मिले तो कहना
कातिल निगाहों से हटकर ज़रा इनके तरफ देखो ना ज़िन्दगी गुलज़ार ना हो जाए तो कहना
एक मुसाफिर सफर करता हुआ थक गया था तो वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया और आराम करने लगा पेड़ की छांव में उसे बहुत अच्छा लग रहा था और उसकी नींद लग गई कुछ देर बाद वहां एक बतख आया बत्तख ने पूछा क्यों भाई थक गए हो तो मैं कुछ मदद चाहिए बहुत मासूम था बत्तख मुसाफिर नहीं बताती हो देखा मुसाफिर बहुत दिनों से भूखा था उसे भूख भी लग रही थी और उसे प्यास भी लग रही थी उसने की और देखा और उसके मुंह में पानी आ गया उसने सोचा इस को मारकर मैं अपनी भूख मिटा लूंगा फिर उसने सोचा मुझे प्यास भी तो लगी है अगर मैं से मारकर खा लूंगा तो मेरी प्यास कैसे बुझेगी भूख तो मिट जाएगी लेकिन प्यास का क्या करूंगा तो उसे तरकीब सूझी वह मुझसे बोला मुझे प्यास लगी है मुझे पानी पीना है क्या तुम मेरी मदद करोगी बतख पूजा हां क्यों नहीं मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा पास ही में एक तालाब है मैं तुम्हें वहां ले चलता हूं तो तुम पानी पी लेना और अपनी प्यास बुझा लेना
मुसाफिर मन ही मन में मुस्कुराया और और बतख के साथ चल दिया कुछ ही दूर पर तालाब था उसने पानी पिया और बतख को मारकर खा लिया बेचारा बतक मर गया
काश ये सात दिन सात फेरों में बदल जाए
एक दूसरे से जुदा हम 14 को 1 हो जाए
Kash ye saat din saat phero me badal jaye
Ek dosre se juda hum 14 ko ek ho jaye
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी