रविवार, 31 जनवरी 2021

बहुत रात हो गई


 बहुत रात हो गई  जानू चलो सो जाते है 

हक़ीक़त में ना सही सपनो में एक हो जाते है ।




 

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी