सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

वक्त

 तुम मानो या मानो मेरे दोस्त वक्त हमारी कब्र खोद रहा है  ।

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी