देर बहुत तब हो जाएगी फिर ना रहेंगे ना रहेंगे लाभ
सुन लो इंसानों धरती को बचाना है,बदसूरत किया जो हमने इस धरती मा को वनो को काटकर
हमें फिर से उसका सिंगार करना है पेड़ धरती लगाकर, साथियों धरती को बचाना है
धरती की खोई खूबसूरती को फिर से निखारना है।
बदला रिवेंज कहां तक सही है जहां तक सही है इस बात पर डिपेंड करता है कंडीशन क्या है इस बात को समझने के लिए हमें इसकी गहराई तक जाना होगा कहा जाता है ना किसी को किया गए कर्मों का फल कभी ना कभी उसे भगवान जरूर देता है लेकिन हम कैसी बात को माने इंसान इसीलिए बदले की भावना को इसलिए गलत नहीं मानता क्योंकि उसे न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं है मतलब इंसान की बनाई हुई न्याय व्यवस्था जोकि सच में exist करती है । फिलहाल तो ईश्वर का अस्तित्व भी संदेहस्पद है तोभला इंसान कैसे भरोसा करेगा जो चीज वास्तविकता में है ही नहीं। बदला लेने वाला इंसान नास्तिक होता है उसे ईश्वर के न्याय पर जरा भी भरोसा नहीं होता isliye वह सजा देने के लिए अपना रास्ता अपनाता है। जिसने सब इतना अत्याचार किया है उसकी सजा भगवान देगा इसलिए वह ना तो इंसानों द्वारा बनाई गई है व्यवस्था पर और ना ही ईश्वर द्वारा बनाई न्याय व्यवस्था पर भरोसा करता है अब उसे खुद पर ही भरोसा करना होता है की हां मैं ही हूं जो किए की सजा दिला सकता हूं और उस कृत्य को करने में जरा भी नहीं संकोच नहीं करता फिर चाहे उसे किसी का खून भी क्यों ना करना पड़े
बुधवार, 17 जुलाई 2019
एक लड़की थी जिसका नाम था संगीता वह बहुत सुंदर थी और और सुबह से ही बहुत प्यारी संगीता जवान हो चुकी थी और उससे मां बाप को उसके ब्याह की चिंता होने लगी लेकिन अच्छे रिश्ते उन्हें मिले ही नहीं उनके मां बाप संगीता की चिंता होने लगी, पता नहीं कब हमें गुणवान सुंदर और धनवान लड़का मिलेगा।
एक बार की बात है संगीता की मां के रिश्ते में किसी शादी का निमंत्रण आया संगीता की मां अपने पति से बोली सुनिए जी यह शादी शादी का कार्ड आया है मैं सोच रही हूं अपनी संगीत आप उसमें लिए चलते हैं क्या पता हमें वहां कोई अच्छा सा लड़का पसंद आ जाए दोनों बहुत खुश हो गए उन्हें क्या पता था की उनको क्या मिलने वाला था
कसौटी जिंदगी की यह सीरियल मैं बचपन में बहुत मन लगा कर देखा करती थी अरे मैं क्या उस टाइम तो यह बिल्कुल रामायण की तरह बहुत ही पॉपुलर हो गई थी घर घर में से देखा जाने लगा मुझे याद है कि मेरी पड़ोस वाली आंटी उनकी टीवी खराब हो गई थी तो वह हमारे यहां एक हफ्ते तक वह कसौटी देखने के लिए आती थी और उन्होंने एक भी एपिसोड मिस नहीं किया।ऐसी थी दीवानगी कसौटी जिंदगी के लिए लोगों की कुछ सीरियल बहुत ही पॉपुलर हुए जैसे की कहानी घर घर की क्योंकि सास भी कभी बहू थी और यह तीसरा कसौटी ज़िंदगी की। भाई क्या दिखाते हैं इन सीरियल में जिंदगी भर किसी और इंसान के साथ जिसके साथ आप प्यार नहीं करते हो उसके साथ रहना पड़े कैसी मजबूरी ड्रामेबाज सीरियल जिंदगी में बेवजह ही मजबूरियां लाते हैं itni tragic life se kisi ki nahin hoti पहले अनुराग और प्रेरणा को प्यार होता है लेकिन मजबूरन प्रेरणा को मिस्टर बजाज से शादी करनी पड़ती है अनुराग बाद में कोमोलिका संपदा और अपर्णा से शादी कर लेते हैं इन तीनों लड़कियों के बीच बीच कभी-कभी प्रेरणा से भी शादी हो जाती है और और उनके बच्चे भी हो जाते हैं कभी-कभी प्रेरणा बजाज के पास वापस लौट जाती है कहानी जानते में दिखाया जाता है कि अनुराग और प्रेरणा एक दूसरे के लिए बनेंगे और मर कर एक हो जाते हैं क्या चुटियापा है यार जिंदगी भर यहां वहां मुंह मारो फिर फिर कह दो हम एक दूसरे के लिए बनी थी शादी जैसे पवित्र रिश्ते को भी खेल मचा रखा है इन सीरियल्स ने। हैरानी की बात है लो ग त ब भी बड़े चाव से यह बकवास सीरियल देखते हैं अपना कीमती समय बर्बाद करके।
प्यार मोहब्बत एक ऐसी चीज है जो नजर नहीं आती बस महसूस ही की जा सकती है jaise Hawa ko hum feel kar sakte hain
प्यार दिखता नहीं उसकी कोई बनावट नहीं बस वह तो महसूस किया जा सकता है जैसे कि gravity । gravity को हम देख नहीं सकते लेकिन उसके प्रभाव को हम जरूर फील कर
सकते है।
जैसे कि कोई किसी से अगर प्यार करता है तुम उसका प्यार उसकी उस व्यक्ति के लिए फिक्र और केयर में अपने आप दिख जाएगा
उसका कोई रंग रूप नहीं प्यार बस एक भाव है जिसको महसूस ही किया जा सकता है। और जिन फॉर महसूस किया जाता है याहू ही असल में वास्तविक होते हैं रंग रूप बनावट आकार एक छलावा हो सकता है यानी कि हम जो देख रहे है जरूरी नहीं बह ऐसा ही हो कुछ अलग हो सकता है।