मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

sad love shayari in hindi

शाम बीत गई उनकी यादों में
रात बीत गई उनकी बातों में
महीने बीते बरसातो में
सादिया बीत गई उनकी इंतजार में
पर आई ना ख़बर एक बार भी
कह कर चले गए मुस्कुराकर

हमारे खेल को क्यो समझ लिया प्यार तुमने अनजाने में

रविवार, 28 अप्रैल 2019

दिल में दबी इच्छाएं

दिल में दबी हुई इच्छा इच्छा  किसी वस्तु को पाने की लालसा। इच्छाएं एक शस्त्र की तरह काम करती हैं जब पूरी नहीं होती है तो हृदय को घायल कर देती है इच्छाओं को इतना तीव्र ना बनाओ जिससे कि वह तुम्हारे मन मस्तिष्क को घायल कर दे।
इच्छाएं रखो लेकिन उनको तीव्र मत दो


इच्छा का तीव्र होना हमे दुखी करता है मन में बार-बार इच्छाओं की पूर्ति न होने का मलाल मन को दुखी करता हैऔर दुखी करता है इसीलिए इच्छाओं को मत अपने ऊपर हावी होने दो

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

हमसफ़र के लिए

पहला कदम जब रखा चलने को तो मन में मा बाप का सहारा था
रखा कदम जब जवानी में तो पिया जी का सहारा था
मौत की दहलीज पर सद्कर्मों का सहारा था 

मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

आसुओं कि कीमत

कीमत ना समझी असुओ की हमारी खुद ही हमने,  हसी के लिए निकले जन सैलाब में
दाम भी किसी ने  ठीक ना लगाया  हर वक़्त खुद को बेबसी का ज़िम्मेदार बताया

इंतज़ार और समय

इंतज़ार क्या होता है इंतज़ार एक ऐसा परिस्थिति है जिसमें समय  धीमा हो जाता है , लेकिन सिर्फ उस बन्दे के लिए को इंतज़ार करता है समय तो अनवरत चल रहा है समय कि कोई सीमा नहीं है उसे हमारा इंतज़ार ही धीमा बनता है , उदाहरण स्वरूप आप रेलवे स्टेशन में किसी ट्रेन का घंटो इंतज़ार कर रहे है तो समय ऐसा लगता है कि वो लंगड़ा हो गया हो ,और जब शांत माहौल हो तो ऐसा लगता है कि समय के पर लग गए हो और  वह दुगनी रफ्तार से भागता है , ।

समय सुख में खरगोश को तरह  और दुख में कछुए को भांति चलेगा ।


सोमवार, 22 अप्रैल 2019

संस्कार भारतीय

संस्कार ऐसी चीज है जो सबके पास होती लेकिन इसे आजकल एक अपमान करने का हथियार बना लिया गया है खासकर  सास इस हथियार का ज्यादा इस्तेमाल करती है कोई भी बहू की कमी निकालना हो इस हथियार का प्रयोग अक्सर की करती नजर आती है और बेचारी बहू उस हथियार से घायल चोटिल ,उस दर्द का मरहम कोई नहीं समझता
पीहर की बुराई वा अपमान को यूं ही सह लेती है।

आखिर कियू बहू को इतना दुख यातना झेलनी पड़ती हैं ससुराल में
कियू बेटी ही रुकसत होती है अपने घर से
कियू ससुराल वाले बेटी की आंखो में पीहर वालो को पराया देखना चाहते है।



शनिवार, 20 अप्रैल 2019

zindagi ka safar poem

ज़िन्दगी के सफ़र में हर राह पर , नए तराने मिले
कुछ ख्वाब मुक्कमल हुए तो कुछ अधूरे रहे
जो पूरे हुए वो कभी अधूरे ना थे , और जो अधूरे थे वो कभी पूरे नहीं हुए
कुछ अपने पराए बने और अपने पराए बने

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी