Positive and negative personality
प्रसन्नता क्या क्या है क्या कोई बता सकता है खुशी हैप्पीनेस पीस इट इज द स्टेट ऑफ माइंड जो हमें बाहर ढूंढने से कभी नहीं मिलने वाली वह हमें अपने अंदर ही मिलेगी। अलग-अलग प्रकार के विभिन्न सोच वाले व्यक्ति रहते हैं जिनका किसी भी बात पर एक्शन भी अलग अलग होता है सबका स्टेट ऑफ माइंड अलग अलग है क्योंकि हर एक व्यक्ति के जीवन काल की परिस्थितियां एक जैसी नहीं होती अगर परिस्थितियां एक जैसी नहीं है तो व्यवहार और मन है स्थिति एक जैसी कैसे हो सकती है उदाहरण के तौर पर लीजिए दो बेटे अपनी मां से अलग अलग चीजों की मांग करते हैं एक बेटे को बाइक चाहिए दूसरे बेटे को कार चाहिए एक बेटा धैर्यवान वह शांत प्रकृति का है मां कहती है बेटा अभी पैसे नहीं है तुम लोगों को अगले साल खरीद देंगे।
तो एक बेटा बोलता है तुम लोग ऐसे ही हो मेरी कोई फिक्र नहीं है फला फला मां को बोलने लगता है और दूसरा बेटा समझदार हां मां तुम ठीक कहती हो अभी परिस्थिति हमारी ठीक नहीं है हम अगले साल ले लेंगे।देखा आपने दो लोग जो एक ही मां की संतान है भाई भाई हैं दूसरों की तो बात में करी नहीं रही उनकी विचारधारा में कितना अंतर है एक बेटा बात को समझ रहा है और दूसरा बेटा उसे समझने के लिए तैयार नहीं।
जब भाई-भाई की विचारधारा एक ही चीज को लेकर अलग अलग हो सकती है तो हमारे आस पास किन लोगों की विचारधारा अलग होने से या हमारे प्रति गलत भावना होने से हम क्यों इतना परेशान हो जाते हैं कोई हमारी आलोचना करता है तो हमें परेशान नहीं होना है समझदारी से काम ले और इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि हर कोई आपके बारे में पॉजिटिव नहीं बोलेगा।
ब्रह्मांड में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों प्रकार के तत्व मौजूद थे इसी प्रकार इंसान भी पॉजिटिव और नेगेटिव होता है अगर आप पॉजिटिव लोगों के पास रहते हैं तो आप भी पॉजिटिव चार्ज हो जाते हो और नकारात्मक लोगों के पास रहोगे और उनकी संगति करोगे तो तुम भी नकारात्मक हो जाओगे।