Zindagi ke do panno pe likh di saree kahani
Padhkar samjh le ae zamane agar samjh sako to
Kahi dikhega gum jee bhar ke, paoge khushiyan kahi
Likha jaha dard waha thamane wale hath kahi choot gaye the
Jaha dekhe muskurahat sabdo mein to jaan lena kisi ne aakar phir se tham liya dagmagatie palo mein
सोचा ना था चलना पड़ेगा इस कांटो भरे सफर पर लेकिन चलना ही पड़ा क्योंकि चलना ही है जिंदगी और रुकना मौत
हाथों में देखी थी हमने लकीरे एक बार ....लगा था तब हमें किस्मत में है हमारी कुछ खास... जिंदगी में कुछ कदम चले आगे देखा आया ना कुछ रास
जिंदगी को काटो हंसकर या रो कर है बस तुम्हारे हाथ
जिओ उस पल को खुल कर जी भर के जिसको जिंदगी दे तुम्हें उपहार
जिंदगी देगी दर्द भी और देगी खुशी भी
जब दर्द दे तो भुला देना जब खुशी दे तब उसको खुद में समा लेना
अंधेरी में बादल दिखाई नहीं देते और उजालों में दिखाई देते हैं
ऐसा हमारे साथ भी होता है जिंदगी में कभी-कभी हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारे साथ तो कोई भी नहीं है हम अकेले हैं इस दुनिया में हमारी फिक्र करने वाला कोई नहीं लेकिन कुछ लोग हमेशा साथ होते हैं लेकिन वह अपनापन नहीं
जताते और वक्त पड़ने पर साथ दे जाते हैं।
ऐसे लोगों की हमेशा कद्र करो क्योंकि यह मन के सच्चे होते हैं यह दिखावे में विश्वास नहीं करते हैं और हमेशा आपके साथ रहते हैं दुनिया में सच्चाई बहुत कम ही मिलती है।
मन करता है कभी बादलों में छुप जाऊ तो कभी मन करता है बूंदों सा धरती पर बरस जाऊं
चूम लूंगा जब धरती को तो महक जाएगा ये समा
मिलन भी है जुदाई भी, बदलो से बिछड़ना ..धरती से मिलन
सही कहते है लोग कभी कभी बिछड़न से ही मिलन होता है।