मन करता है कभी बादलों में छुप जाऊ तो कभी मन करता है बूंदों सा धरती पर बरस जाऊं
चूम लूंगा जब धरती को तो महक जाएगा ये समा
मिलन भी है जुदाई भी, बदलो से बिछड़ना ..धरती से मिलन
सही कहते है लोग कभी कभी बिछड़न से ही मिलन होता है।
चूम लूंगा जब धरती को तो महक जाएगा ये समा
मिलन भी है जुदाई भी, बदलो से बिछड़ना ..धरती से मिलन
सही कहते है लोग कभी कभी बिछड़न से ही मिलन होता है।
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