सोमवार, 16 मई 2022

नाराज़गी

 नाराज़गी की हद देख़िए मेरे यार की 

अब तो ख़्वबो में आने को  भी मना कर दिया ।

तेरी गलिया

 बहुत खूबसूरत है वो गलिया क़सम से 

जिस पर से तेरे कदम जाते है 

शुक्र है खुदा का जो ये मुझे तेरे घर का पता बताते है

शनिवार, 14 मई 2022

Chanda 🌙 mama

 एक छोटा सा चाँद का टुकड़ा ज़मीन पर पाया 

चाँद ने कहा मुझे आसमाँ नहीं ये ज़मीन भाया 

तब से हमने आकाश मे चाँद क़ो आधा पाया 

बुधवार, 27 अप्रैल 2022

ज़िन्दगी को गुलज़ार बनाया

कुछ खोया तो कुछ पाया
ज़िंदगी ऐसी ही है
कभी plus तो कभी minus आया
कभी उलझी तो कभी सुलझी
पर आगे बड़ती गयी
रुकना ना इसे आया 



देर से ही सही पर सब समझ आया 
सत्कर्मों से ज़िंदगी को गुलज़ार बनाया 

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी