नवरंग: Ma baap shayari: आंखो में ख्वाब चाहे जितने बड़े हो पैर जमीन पर ही रखना चाहे जितने ऊपर तुम उठ जाओ मा बाप को दिल में ही रखना बड़े लाड प्यार से पाला है तु...
गरीबी सबसे बड़ा दुख है दुख में कोई भी नहीं रहना चाहता सबके हिस्से में खुशियां आएं यह सभी चाहते हैं लेकिन इंसान भी क्या करें वह भी किस्मत के आगे मजबूर ही है चप्पल घिस जाती है और जीने का हौसला नहीं दिल में जीने की आशा हर पल रहती हैं गरीबी में जीना जंगल के संघर्ष की तरह जीना हैजिस प्रकार जंगल के सभी जानवरों को जिंदा रहने के लिए प्रकृति के साथ संघर्ष करना होता है ठीक उसी प्रकार इंसान को भी अपने सर्वाइवल के लिए लड़ना पड़ता है इस संसार में हर जगह रजिस्टेंस है यानी प्रतिरोध अमीर को और अमीर बनने के लिए और अधिक श्रम समय और अधिक ताकत की जरूरत होती है वैसे ही करीब को पेट पालने या जीवन जीने के लिए कुछ ना कुछ करना पड़ता है
हम इस दुनिया में रजिस्टेंस का सामना करते हुए ही आए हैं शुरुआत से जैसे कि पिता के स्पर्म से माता के अंडाणु तक पहुंचने में भी हमें कुछ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और प्रतिरोध का सामना करने के बाद ही हम अस्तित्व में आए सरल शब्दों में कहा जाए तो जीवन एक संघर्ष ही है जो लड़ेगा वह आगे बढ़ेगा
तुम आज किचन में नहीं जाओगे और किसी को हाथ नहीं लगाओगे मंदिर नहीं जाओगी यह कुछ ऐसी बातें हैं जिओ महिलाओं से उनके माहवारी के समय कहीं जाति हैं क्यों आखिर क्यों माहवारी में औरत अपवित्र हो जाती है बाकी के दिनों में वह शुद्ध होती है जिस खून के द्वारा तुम खुद बनते हो उसी खून से घृणा क्यों
सच है आदमी इस पीड़ा को समझ ही नहीं सकता गर्भावस्था के दौरान पीला तो उसे सहन करनी होती है साथ ही साथ उससे कई समय पहले फर्टाइल होने के लिए पीरियड्स को भी सहना होता है मतलब औरत की पूरी जिंदगी सहन करने में ही चली जाती है सहनशक्ति की मिसाल है
औरत और कुछ मूर्ख कहते हैं औरत कुछ काम की नहीं
औरत जननी है उसी से जीवन की उत्पत्ति होती है जीवन उसमें पलता है इसलिए उसकी इज्जत करो।