बुधवार, 17 जुलाई 2019

एक लड़की थी जिसका नाम था संगीता वह बहुत सुंदर थी और और सुबह से ही बहुत प्यारी संगीता जवान हो चुकी थी और उससे मां बाप को उसके ब्याह की चिंता होने लगी लेकिन अच्छे रिश्ते उन्हें मिले ही नहीं उनके मां बाप संगीता की चिंता होने लगी, पता नहीं कब हमें गुणवान सुंदर और धनवान लड़का मिलेगा।

एक बार की बात है संगीता की मां के रिश्ते में किसी शादी का निमंत्रण आया संगीता की मां अपने पति से बोली सुनिए जी यह शादी शादी का कार्ड आया है मैं सोच रही हूं अपनी संगीत आप उसमें लिए चलते हैं क्या पता हमें वहां कोई अच्छा सा लड़का पसंद आ जाए दोनों बहुत खुश हो गए उन्हें क्या पता था की उनको क्या मिलने वाला था


सोमवार, 15 जुलाई 2019

kasauti zindagi ki 2

कसौटी जिंदगी की यह सीरियल मैं बचपन में बहुत मन लगा कर देखा करती थी अरे मैं क्या उस टाइम तो यह बिल्कुल रामायण की तरह बहुत ही पॉपुलर हो गई थी घर घर में से देखा जाने लगा मुझे याद है कि मेरी पड़ोस वाली आंटी उनकी टीवी खराब हो गई थी तो वह हमारे यहां एक हफ्ते तक वह कसौटी देखने के लिए आती थी और उन्होंने एक भी एपिसोड मिस नहीं किया।ऐसी थी दीवानगी कसौटी जिंदगी के लिए लोगों की कुछ सीरियल बहुत ही पॉपुलर हुए जैसे की कहानी घर घर की क्योंकि सास भी कभी बहू थी और यह तीसरा कसौटी ज़िंदगी की।
भाई क्या दिखाते हैं इन सीरियल में
जिंदगी भर किसी और इंसान के साथ जिसके साथ आप प्यार नहीं करते हो उसके साथ रहना पड़े कैसी मजबूरी ड्रामेबाज सीरियल जिंदगी में बेवजह ही मजबूरियां लाते हैं itni tragic life se kisi ki nahin hoti
पहले अनुराग और प्रेरणा को प्यार होता है लेकिन मजबूरन प्रेरणा को मिस्टर बजाज से शादी करनी पड़ती है  अनुराग बाद में कोमोलिका संपदा और अपर्णा से शादी कर लेते हैं इन तीनों लड़कियों के बीच बीच कभी-कभी प्रेरणा से भी शादी हो जाती है और और उनके बच्चे भी हो जाते हैं कभी-कभी प्रेरणा बजाज के पास वापस लौट जाती है कहानी जानते में दिखाया जाता है कि अनुराग और प्रेरणा एक दूसरे के लिए बनेंगे और मर कर एक हो जाते हैं क्या चुटियापा है यार जिंदगी भर यहां वहां मुंह मारो फिर फिर कह दो हम एक दूसरे के लिए बनी थी शादी जैसे पवित्र रिश्ते को भी खेल मचा रखा है इन सीरियल्स ने। हैरानी की बात है लो ग त ब भी बड़े चाव से यह बकवास सीरियल देखते हैं अपना कीमती समय बर्बाद करके।

शनिवार, 13 जुलाई 2019

अनदेखा प्यार

प्यार मोहब्बत एक ऐसी चीज है जो नजर नहीं आती बस महसूस ही की जा सकती है jaise Hawa ko hum feel kar sakte hain
प्यार दिखता नहीं उसकी कोई बनावट नहीं बस वह तो महसूस किया जा सकता है जैसे कि gravity । gravity को हम देख नहीं सकते लेकिन उसके प्रभाव को हम जरूर फील कर
सकते है।
जैसे कि कोई किसी से अगर प्यार करता है तुम उसका प्यार उसकी उस व्यक्ति के लिए फिक्र और केयर में अपने आप दिख जाएगा
उसका कोई रंग रूप नहीं प्यार बस एक भाव है जिसको महसूस ही किया जा सकता है। और जिन फॉर महसूस किया जाता है याहू ही असल में वास्तविक होते हैं रंग रूप बनावट आकार एक छलावा हो सकता है यानी कि हम जो देख रहे है जरूरी नहीं बह ऐसा ही हो कुछ अलग हो सकता है।

शुक्रवार, 12 जुलाई 2019

बचपन की यादें मीठी मीठी प्यारी प्यारी miss my childhood poem

जिंदगी की इतनी तेज रफ्तार थी कि खुद को संभाल न सके हम
कभी वक्त हमारे साथ था कभी हम वक्त के साथ थे
बेचैन मन चाहे की चाहत वक्त वापस लौट आए हमसे मिलने दोबारा ले जाए हमें उस वक्त में जहां दुख कम थे और थी खुशियां हजार
₹5 की मैगी में भी खुश हो जाते थे अब तो 1000 का पिज़्ज़ा भी खाकर पेट तो भर जाता है पर मन नहीं।

घूमते थे जहां आजाद परिंदों की तरह जहां अब तो अब तो जिंदगी की उलझन मैं ही कैद हो गए

शनिवार, 6 जुलाई 2019

दोस्ती अनमोल है

दोस्ती अनमोल है बहुत कम लोगों को सच्चे दोस्त नसीब होते हैं सच्चे दोस्त मिलना दुनिया में बहुत ही मुश्किल है कहते हैं ना हर दोस्ती में कोई ना कोई स्वार्थ छिपा होता है पर कुछ दोस्ती मैं स्वार्थ का कोई नाम निशान नहीं होता उनकी मित्रता दुनिया के लिए मिसाल बन जाती है जैसे कि श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता
दोस्ती दिल से दिल का एक कनेक्शन है जो दो लोगों को मन से भी जोड़ता है। दोस्त की दुखी होने पर हम दुखी हो उसके रोने पर हमारे भी आंसू निकल आए यह मित्रता है दो लोग जिनके मन के विचार एक समान होते हैं वे परम सच्चे मित्र साबित होते हैं विचारों में मतभेद सिर्फ शत्रुता पैदा करता है

बुधवार, 3 जुलाई 2019

बेटी पराया धन है, बेटी पराया धन है जी

हे भगवान तूने लड़का लड़की में इतना भेदभाव क्यों किया हां मैं तुमसे ही कह रही हूं शिकायत करूं तो किससे करूं इस समाज से जो कि इसको अंधाधुन अनुसरण करता है
बेटियां शादी के बाद पराई हो जाती है वह पराई होती नहीं उन्हें पराया बना दिया जाता है उनकी भलाई के लिए।
शादी के बाद ससुराल वाले यही सोचते हैं लड़की कभी अपने मायके ना जाए और इस बात को सिद्ध करने के लिए कि तुम्हें अपना घर देखना चाहिए ऐसा बोल दिया जाता है।।
अपने दिल पर पत्थर रखकर लड़की के बेयर वाले उसको पराया कह देते हैं ताकि वह अपने संसार में सुखी रहे खुद को तकलीफ देकर अपनी बेटी की खुशियों के लिए अपने से दूर कर देते हैं।
वर पक्ष के लोग ऐसा क्यों सोचते हैं लड़के तो कभी परा ये नहीं होते यह सब सितम लड़की के लिए ही क्यों
एक बार की बात है गीता को ससुराल में एक गलती के कारण उसकी मा  को गीता की सास नेभला बुरा सुनाया और कहा कि तुमने हमारे लड़का खरीद लिया है, बिचारी मां गीता की खुशियों खातिर कुछ ना बोली सब सुनती रही , और फिर जब उस लड़की की पिता की तबीयत खराब हुई तो उसकी सांस में उसने उससे कहा वहां जाने की क्या जरूरत है क्यों मर रही हो जाने के लिए जो करना है डॉक्टर करेगा तुम क्या कर लोगी वहां जाकर अब आप ही बताइए घर में जहां लड़की बड़ी बड़ी हुई उस घर में जाने के लिए इजाजत मांगनी पड़ी
इतना ही नहीं शादी के तुरंत बाद लड़की को अपने मायके जाने के लिए उसका भाई लेने आया लड़की अपने पति के साथ किसी दूसरे शहर में रहती थी वह लड़का उसका ममेरा भाई था वही लेने आया अपनी बहन को ताकि शादी के बाद लड़की कुछ दिन अपने मायके में रह ले जोकि हर लड़की का हक होता है उसमें भी लड़की के सास ससुर ने बखेड़ा खड़ा किया हमसे इजाजत नहीं मांगी अब बताइए किसने किसको खरीदा क्या यह वाक्य जो लड़की की सांस मैं लड़की की मां को ताने मार कर कहा था कि मेरा बेटा खरीद लिया तुमने कितना सही है और फिर लोग कहते हैं लड़की को अपने मायके से प्रेम क्यों है

मंगलवार, 2 जुलाई 2019

सुख दुख आते जाते हैं

सुख और दुख जिंदगी के दो पहलू हैं यह हमेशा आप बचपन से सुनते रहे हैं सुख आएगा दुख आएगा दुख जाएगा सुख आएगा समय का चक्र यह अनवरत चलता ही रहता है इसको कोई रोक नहीं पाया यही जीवन है।
सुख की अनुभूति तुम्हें तभी होगी जब तुम दुख को पहले से ही अनुभव कर चुके होंगे, जैसे कि इंजेक्शन लगाने पर दर्द होता है लेकिन बाद में spirit वाली रुई को


जब लगाया जाता है तो कितनी राहत मिलती है राहत तुम्हें कब महसूस हुई जब  रुई लगाने से पहले तुम्हे सुई चुभोई गई।
अतः दर्द के बिना आनंद को महसूस कर ही नहीं सकते हो
जीवन में अगर दुख है तो यह जरूर समझ जाना की सुख भी आने वाला है कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें सुख मिलता तो है लेकिन उसको दुख में बदल देते हैं यानी भगवान उनको दुख के बाद सुख दे तो रहे हैं लेकिन वह दुख में इतना डूब गए हैं क्यों न सुख की अनुभूति भी नहीं होती उन्हें सुख भी दुख लगने लगता है इस प्रकार उनका सारा जीवन दुखमय हो जाता है ।


यह तो ऐसी बात हो गई ना कि करेला खा खा कर के अजीतगढ़ भी लगने लगती है । हर चीज का अलग स्वाद है कुछ मीठा खट्टा कड़वा सबकी मजे लो भाई जिंदगी है।
यह तुम्हें हमेशा मीठा मीठा नहीं परोसने वाली तुम को कड़वा भी खाना पड़ेगा और खट्टा भी



क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी