मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

इंतज़ार और समय

इंतज़ार क्या होता है इंतज़ार एक ऐसा परिस्थिति है जिसमें समय  धीमा हो जाता है , लेकिन सिर्फ उस बन्दे के लिए को इंतज़ार करता है समय तो अनवरत चल रहा है समय कि कोई सीमा नहीं है उसे हमारा इंतज़ार ही धीमा बनता है , उदाहरण स्वरूप आप रेलवे स्टेशन में किसी ट्रेन का घंटो इंतज़ार कर रहे है तो समय ऐसा लगता है कि वो लंगड़ा हो गया हो ,और जब शांत माहौल हो तो ऐसा लगता है कि समय के पर लग गए हो और  वह दुगनी रफ्तार से भागता है , ।

समय सुख में खरगोश को तरह  और दुख में कछुए को भांति चलेगा ।


सोमवार, 22 अप्रैल 2019

संस्कार भारतीय

संस्कार ऐसी चीज है जो सबके पास होती लेकिन इसे आजकल एक अपमान करने का हथियार बना लिया गया है खासकर  सास इस हथियार का ज्यादा इस्तेमाल करती है कोई भी बहू की कमी निकालना हो इस हथियार का प्रयोग अक्सर की करती नजर आती है और बेचारी बहू उस हथियार से घायल चोटिल ,उस दर्द का मरहम कोई नहीं समझता
पीहर की बुराई वा अपमान को यूं ही सह लेती है।

आखिर कियू बहू को इतना दुख यातना झेलनी पड़ती हैं ससुराल में
कियू बेटी ही रुकसत होती है अपने घर से
कियू ससुराल वाले बेटी की आंखो में पीहर वालो को पराया देखना चाहते है।



शनिवार, 20 अप्रैल 2019

zindagi ka safar poem

ज़िन्दगी के सफ़र में हर राह पर , नए तराने मिले
कुछ ख्वाब मुक्कमल हुए तो कुछ अधूरे रहे
जो पूरे हुए वो कभी अधूरे ना थे , और जो अधूरे थे वो कभी पूरे नहीं हुए
कुछ अपने पराए बने और अपने पराए बने

रविवार, 7 अप्रैल 2019

how to find your hidden talent

कभी खुद को देखा है नहीं मैं नहीं मैंने तो नहीं देखा क्यों देखा होगा भाई फुर्सत ही नहीं मिलती इस भागम भरी जिंदगी में हम तो कहीं खोते जा रहे हैं खुद से मुलाकात करने का फुर्सत ही नहीं है खुद से मुलाकात करने की कला बहुत कम लोगों में पाई जाती है एक रिया एकांत में करना ही संभव है और उसके लिए जरूरी है अंतर्मुखी स्वभाव ।


मनुष्य में दो का प्रकार का स्वभाव होता है अंतर्मुखी और बहिर्मुखी बहिर्मुखी व्यक्ति स्वभाव से चंचल होती है और मिलनसार होते हैं किसी से घुलने मिलने में उन्हें ज्यादा वक्त नहीं लगता लेकिन बहिर्मुखी स्वभाव वाले व्यक्ति कभी अपने अंदर के इंसान से नहीं मिल पाते जिंदगी भर दूसरों को तो देखते हैं उनको उनको जज करते हैं खुद से अधूरे रह जाते हैं खुद को टटोल ही नहीं। पाते क्या आपको नहीं लगता कभी हम खुद से भी मिले मौत आने से पहले एक बार खुद को जान लो कुत्ता मूल्यांकन करो तुम कहां हो जीवन में तुमने क्या किया क्या सीखा क्या खोया क्या पाया क्या कुछ सीखना बाकी है यह सब सवाल अपने से करो अभी तुम जो हो बस इसीलिए तुम धरती पर आई थी तुम्हारा जन्म लेने का उद्देश्य क्या पूरा हो चुका है यदि हां तो कैसे यदि नहीं पूरा करने में अपनी जान लगा दो

क्या आप जानते हैं अंतर्मुखी होने का एक बड़ा फायदा यह है कि खुद को पहचानने में देर नहीं लगती कि खुद के अंदर की कला को पहचानने में भी हमें देर नहीं लगती व्यक्ति जीवन भर अपने अंदर की कला को पहचानने में जुटा रहता है लेकिन उसे अपना हुनर मालूम नहीं हो पाता अंतर्मुखी खुद को समय देता है और बहिर्मुखी व्यक्ति बाहर क्यों दोनों में लिप्त रहता है अगर आपका स्वभाव बहिर्मुखी है अपने अंदर की हुनर को पहचानने के लिए आपको थोड़ा अंतर्मुखी होना होगा इसके लिए आपको खुद के लिए वक्त निकालना होगा और शांतिपूर्ण तरीके से विचार करना होगा की मैं क्या कर सकती हूं या सकता हूं।

यकीन मानिए कुछ समय पश्चात आपको जवाब मिल जाएगा

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

गरीब की आंखो में देखा तो

आज देखा उस गरीब की आंखो में नमी के साथ मजबूरी मिली
भूखे पेट के साथ,चल रहा था बंदा धूप की तपिश में
दुख के पेटी में छोटी  छोटी खुशियों की चाबी मिली
चाबी से खोलना चाहा किस्मत का ताला ,देखा तो ताले में जंग निकली

जीवन है एक लंबी सड़क जिस पर तय करना है तुमको यह सफर
 इस रास्ते में मिलेंगे तुम्हें  मील के पत्थर और बेकार पत्थर
पर रोक ना  लेना राही तुम अपने कदमों को चलने से इस डगर पर


Heart touching shayari

दिल से चाहा उसने तो मिल गया हमें वो प्यार
 चाहा होता अगर इस जिस्म को तो हो जाता हमारा तिरस्कार थाम ले बैया विरले ही मिलते हैं वो इंसान
जो छोड़ेंगे ना साथ तुम्हारा चाहे कितना भी हो आंधी तूफान

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी